मयूर प्रभा में आपका स्वागत है; यह मयूर प्रभा मयूर विद्यालय के सुकोमल हाथों से लिखे उन प्रतिभाशाली और जिज्ञासु छात्रों के लेखों, कविताओं, संस्मरणों, कहानियों का संकलन किया गया है, जिनकी प्रतिभा अपनी पहचान पाने हेतु प्रतीक्षारत है। यहाँ पर विद्यार्थियों के लेखों में कदाचित संग्रहित अथवा अन्य विषयवस्तु से प्रोत्साहित शब्दावली का बोध हो या विषयवस्तु की आवृत्ति देखने को मिले परन्तु उसे अन्यथा न समझकर प्रोत्साहित करने का प्रयास करेंगे यह आशा है। सधन्यवाद डॉ. राजेन्द्र द्विवेदी मयूर विद्यालय
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It is a nice poem .
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteVery Good
ReplyDeletebeautiful handwriting
ReplyDeletevery bad
ReplyDeleteBeautiful HandWriting
ReplyDeleteheheeh
ReplyDelete(;-;)
ReplyDelete/ | \
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Everything happening around me is very random.
ReplyDeleteस्वर्ग का सपना छोड़ दो,
ReplyDeleteनर्क का डर छोड़ दो,
कौन जाने क्या पाप ,
क्या पुण्य,
बस…
किसी का दिल न दुखे
अपने स्वार्थ के लिए,
बाकी सब कुदरत पर छोड़ दो।
Very nice
ReplyDeleteva rey va
ReplyDeletevary good
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